महामारी से थकना नहीं, लड़ना है || Don’t be tired of pandemics, you have to fight.
महामारी से थकना नहीं, लड़ना है
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covid fight |
कोरोना से जंग के लिए जब वैक्सीन आई तो लोगों में एक उम्मीद जागी कि अब सब अच्छा होगा । वैक्सीनेशन शुरू ही हुआ था कि कोरोना की दूसरी लहर ने हमारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया । और अब तीसरी लहर की चेतावनी ! सच तो यह है कि घर की चारदीवारी में रहना अब ज्यादातर लोगों को अवसाद , अकेलापन , प्रेरणा की कमी और थकान दे रहा है । महामारी से छुटकारे का इंतजार अब तन – मन की ऊर्जा खत्म कर रहा है । कैसे इससे बाहर निकलें , बता रहे हैं हम आज के इस आर्टिकल में की महामारी से थकना नही लड़ना है –
खुद को हंसने दीजिए –
हसना एक स्वस्थ शारीरिक प्रतिक्रिया है । इस कठिन समय से गुजरने के लिए हंसी सबसे अच्छी दवा है , जो हमारी शारीरिक व मानसिक सेहत को भी बेहतर कर सकती है । जब हमारा दिमाग डर और तनाव से घिर जाता है , तो कमिडी शो देखना , कॉमिक्स पढ़ना या बच्चों के साथ मजेदार गतिविधियां करना कारगर उपाय साबित हो सकता है ।
अपनी निराशा पर बात करें –
दुनियाभर के युवा एक साल से ज्यादा सामाजिक संपर्क के बिना रह रहे हैं । यह उनमें अवसाद की वजह भी बन रहा है । ऐसे में अपनों से बातें करते रहना जरूरी है । परिवार दोस्त या प्रोफेशनल्स से अपनी निराशा और चिंताओं के बारे में बात करें , बिना किसी संकोच के । अत्यधिक नकारात्मक समाचारों को देखने या सुनने से बचें । पर्याप्त नींद लें ।
माइंडफुलनेस का अभ्यास करें –
तनाव और चिंता को मैनेज करने में मदद करने के लिए माइंडफुलनेस का अभ्यास करना एक शानदार तरीका है । यह एक प्रकार का ध्यान है जो वर्तमान समय में रहने और जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित है । इससे आपके शरीर और दिमाग को आराम मिल सकता है , चाहे आप किसी भी तनाव का सामना करें ।
खुद को व्यस्त रखें , रचनात्मक बनें –
कुछ रचनात्मक / अच्छे शौक पूरा करने और आगम करने के लिए समय निकालें । बेहतर महसूस करने के लिए आप क्या कर सकते हैं , इसके बारे में सोचें । जितना व्यस्त रहेंगे , बेकार की बातों से दूर रहेंगे । हमारी ‘ भावनाएं हमारी स्थिति के बारे में हमारी क्या सोच है , उसी से आते हैं । और जो चीजें हम बदल नहीं सकते , उससे परेशान होने के बजाय हमें अपनी सोच को एडजस्ट करना सीखना होगा । इन सबके अलावा ऑफिस के काम के बीच में छोटे – छोटे ब्रेक लेते रहें ।
व्यायाम में राहत की बात –
शोध कहते हैं कि व्यायाम एक ऐसी चीज है , जिसका इस्तेमाल हम कोविड से मुकाबला करने के लिए कर सकते हैं । भले ही आप सिर्फ कुछ कदम चल ही क्यों न लें । यह भी आपकी मदद कर सकता है । व्यायाम से एंडोर्फिन निकलता है , जो तनाव से राहत देगा और हमारे आनंद की भावना को बढ़ाएगा । इसके अतिरिक्त यह हताशा पैदा होने पर एड्रेनलिन को भी कंट्रोल करता है , जो हमें लड़ने के लिए तैयार करता है । अगर बाहर जाना संभव नहीं है , तो घर में भी कसरत करने की कोशिश करें । व्यायाम शारीरिक सक्रियता ; तनाव व थकान को कम कर , इम्युनिटी को भी मजबूत करेगा ।
भावनात्मक फिटनेस पर काम करें –
पिछले कुछ महीनों के बारे में सोचें , और देखें कि तमाम कठिनाइयों को पार कर आप कितनी दूर आ गए हैं । उन सभी चीजों को देखें , जिनके माध्यम से आप और आपका परिवार कैसे एक – दूसरे की मदद के लिए आगे आए हैं । परिवार और अपनों की इस बॉडिंग से अपनी भावनात्मक फिटनेस को मजबूत करने की कोशिश करें । एक – दूसरे से बात करें और हंसी के पल ढूंढे और हंसें । उन चीजों को सूचीबद्ध करने के लिए एक नोट बनाएं , जिनके लिए आप आभारी हैं ।
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